Electric Traction किसे कहते हैं ? विद्दुत संकर्षण की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में ।

 दोस्तो आज के इस पोस्ट में हमने Electric traction के बारे में  जानकारी दी है। इस पोस्ट में हम Electric traction से संबंधित उन सभी सवालो के जवाब जानेंगे जो अधिकतर Engineering Exam मे पूँछे जाते हैं । जैसे कि Electric traction क्या होता है , Electric Traction के क्या क्या लाभ है , Electric traction कितने प्रकार के होते हैं आदि । इन सभी प्रश्नों के जवाब को हम इस पोस्ट में जानेंगे।


Electric traction
Electric Traction 

Table of Contents

What is traction system? Traction किसे कहते हैं ?

 सतह पर कुछ खीचने की क्रिया ही traction कहलाता है । आसान शब्दो मे समझे तो traction प्रणाली एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोई वस्तु movement करती है । जैसे सड़क पर वाहनों का चलना ,  साइकिल का चलना  आदि traction प्रणाली के अंतर्गत आते हैं । सड़को पर चलने वाले वाहनों के पहिये को डीजल या पेट्रोल के द्वारा  चलने के लिए ऊर्जा  मिलती है ।

सतह पर किसी वस्तु का चलना या  movement करना ही Traction कहलाता है ।

 

Ideal Traction system की विशेषताएं...

एक Ideal Traction system  की निम्नलिखित विशेषताएं होनी चाहिए।

  • यह Traction system मितव्ययी होनी चाहिए।
  • एक Ideal Traction system साफ और सुथरी होनी चाहिए।
  • Ideal Traction system के लिए देखभाल और मरम्मत की आवश्यकता कम होनी चाहिए
  • इस प्रणाली में गति नियंत्रण साफ - सुथरी होनी चाहिए ।
  • Ideal Traction की दक्षता उच्च होनी चाहिए ।
  • इस प्रणाली की क्षमता अधिक होनी चाहिए ।
  • ईंधन सस्ता व आसानी से उपलब्ध होना चाहिए ।
  • इस प्रणाली द्वारा प्रदूषण कम से कम होना चाहिए ।

Types of Traction system। संकर्षण प्रणाली के प्रकार।।

Traction system को प्रायः दो भागों में बाँटा गया है जो निम्नलिखित हैं..

  1. Non Electrical Traction
  2. Electrical Traction 

1. Non Electrical traction....

Non Electrical Traction के अंतर्गत वह traction प्रणाली आती हैं जिसमे किसी वस्तु को movement कराने के लिए Electricity का उपयोग नही किया जाता है उसे Non Electrical Traction कहते हैं ।
 जैसे - Steam से चलने वाले इंजन, diesel और petrol से चलने वाली गाड़िया आदि Non Electrical Traction के उदाहरण हैं।
 Non Electrical Traction को भी दो भागों में बांटा गया है ।

  1. Steam Engine Traction system
  2. Internal Combustion Traction system 
Steam engine traction में किसी वस्तु का movement करने के लिए steam energy का उपयोग  जाता है । इस लिए इसे Steam engine traction सिस्टम कहते हैं ।

जैसे steam से चलने वाली रेलगाड़ी  steam engine traction का जीता जागता उदाहरण है।

Internal combustion traction के अंर्तगत वह सभी गाड़िया आती हैं जो सतह पर चलने या दौड़ने  के लिए petrol और diesel के ऊर्जा का उपयोग करती हैं ।


जैसे - Petrol से चलने वाली कारें ,मोटर साईकल आदि।

2. Electric Traction 

वह सभी वस्तुवें या गाड़िया जो electricity का उपयोग करके गति करती हैं । वह सभी Electric Traction के अंतर्गत आती हैं ।
अर्थात Electricity का उपयोग करके वस्तुओं को किसी सतह पर गति कराना ही Electric Traction कहलाता है।
जैसे - Electricity से चलने वाली Train , Electricity cars और bikes आदि Electric traction के उदाहरण हैं ।
इन सभी को movement के लिए इनके wheel को energy , electricity के द्वारा ही मिलता है ।

Types of Electric Traction in Hindi। विद्दुत संकर्षण प्रणाली के प्रकार

Electric traction को मुख्यतः चार भागों में  बाँटा गया है.....

  1. Diesel electric Traction
  2. D.C.  Traction system
  3. A.C. Traction system
  4. Composite Traction system 

1.Deisel Electric traction...

इसका उपयोग railway में बहुत अधिक किया जाता है । Locomotive में diesel engine के साथ एक D.C. जनरेटर  होता जो  engine के shaft के साथ mechanically जुड़ा रहता है । जब diesel engine स्थिर गति पर चलता है तो उसके shaft के साथ जनरेटर के रोटर का shaft जुड़ा होने के कारण D.C.  जनरेटर  D.C. current उत्पन्न करता है । इस D.C. current  को  Locomotive के excel में लगे D.C. series motor को दिया जाता है जिससे locomotive railway track पर दौड़ती है

2. D.C.  Traction system- 

इस प्रणाली में Traction के लिए डीसी सप्लाई का प्रयोग करते हैं ।  D.C. Traction system को पुनः दो भागों में बाँटा गया है ।

  • High voltage D. C. Traction system (1.5kv to 3.0 kv)
  • Low Voltage D.C. Traction system (600 V)
High Voltage D.C. Traction-     इस प्रणाली का उपयोग रेलगाड़ियों को चलाने के लिए किया जाता है । इस प्रणाली में 1500 V से 3000 V से चलने वाली D.C.  मोटरों का प्रयोग करके रेलगाड़ियों का संचालन किया जाता है । D. C. मोटर के संचालन के लिए आवश्यक विद्युत ऊर्जा दिष्ट धारा उपकेंद्रों से प्राप्त की जाती है ।

Low Voltage D.C. Traction system-    इस प्रणाली में 600 V की D. C. धारा प्रयोग की जाती है । निम्न वोल्टेज डीसी सिस्टम का उपयोग ट्रामवे या ट्राली बसों को खींचने में किया जाता है। इसमें सीरीज वाउंड डीसी सीरीज मोटर का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए Substation से voltage को आवश्यकतानुसार ट्रांसफार्मर की सहायता से कम या ज्यादा करके rectifier के द्वारा A.C. वोल्टेज  को D.C.  में परिवर्तित कर  सीरीज वाउंड डीसी सीरीज मोटर को दिया जाता है ।

3. A.C. Traction system-

इस प्रणाली में संकर्षण के लिए A.C. सप्लाई का उपयोग किया जाता है ।

A.C. traction system  को दो भागों में बाँटा गया है--
  • Single phase ac traction system
  • Three phase ac traction system
Single phase ac traction system-   इस टाइप के traction system में A.C. series  मोटर का प्रयोग किया जाता है जो 300 V से 400V पर दक्षता पूर्वक कार्य करती हैं । इसके लिए OHE से 15 KV से 25 KV की 16*1/2 hz से  25hz की आवृत्ति की  एक चालक तार से पेंटोग्राफ़ के  माध्यम से प्राप्त की जाती है जिसे step - down transformer के द्वारा 300 V से 400 V में परिवर्तित करके मोटरों को चलाया जाता है । इस सिस्टम में रेल की पटरी की सहायता से धारा को  Return path दिया जाता है ।

Three phase ac traction system- इस प्रणाली में 3000 V से 3600 V तथा 16*2/3 Hz से 25 Hz की आवृत्ति पर चलने वाली 3- फेज Induction मोटर मोटर का उपयोग किया जाता है। इसमें मोटर प्रचालन के लिए step-down T/F की आवश्यकता नही पड़ती है क्योंकि इसके लिए जो मोटर उपयोग की जाती है वह 3600 V पर कार्य करने में सक्षम होती है । इस सिस्टम में Auto Regenerative का गुण होता है।इस लिए ब्रैकिंग के लिए अन्य उपकरण की आवश्यकता नही पड़ती है।

4. Composite system-   

अभी ऊपर हमने आपको जितना भी ट्रेक्शन सिस्टम बताया उस में से कोई भी प्रणाली मार्ग विद्युतीकरण की दृष्टि से पूर्ण रूप से उपयुक्त नहीं है सभी के अपने लाभ और हानि है इसलिए दोनों का कंबाइन अर्थात एसी डीसी व सिंगल व थ्री फेज सिस्टम से तैयार ट्रेक्शन सिस्टम अच्छा परफॉर्मेंस देता है इस प्रकार कम Composite  ट्रेक्शन सिस्टम का अविष्कार हुआ Composite सिस्टम दो प्रकार का होता है 
  • 1-Phase ac to 3-Phase ac system (Cando system)
  • 1-Phase ac to DC System
1-Phase ac to 3-Phase ac system (Cando system)- इस प्रणाली में locomotive के engine में एक phase converter लगा रहता है । इस प्रणाली में overhead से 1 फेज की supply प्राप्त कर उसे phase converter की सहायता से 3 फेज सप्लाई में परिवर्तित किया जाता है जिससे 3-फेज Induction motor को 3 phase की सप्लाई दिया जाता है। जिससे locomotive को power मिलती है । इस प्रणाली में overhead में केवल एक contact wire का उपयोग किया जाता है। इस contact wire में 25 KV voltage बहता है । आज के समय मे locomotive को चलाने के लिए इसी विधि उपयोग किया जा रहा है ।

1-Phase ac to DC System- भारत मे इस प्रणाली के लिए 25 KV ,50 Hz की AC सप्लाई को चुना गया है। इसमें 15 kv से  25 kv पर 50 Hz की सप्लाई4 का प्रयोग किया  है जिसे पैंटोग्राफ की सहायता से धारा को collect करके locoomotiveमें भेजा जाता है।locomotive में इस वोल्टेज को एक स्टेप- down T/F द्वारा  voltage को कम कर लेते हैं   तथा rectifier की सहायता से इस AC supply को D.C. में  बदल लेते हैं  

Advantage of Electric traction । विद्दुत संकर्षण के लाभ

Conventional traction की तुलना में Electric traction  का अपना कुछ अलग ही लाभ है जो निम्नलिखित हैं .....
  • यह traction system बहुत साफ - सुथरी होती है  क्योंकि इसमें कोयला तथा diesel आदि का प्रयोग नही किया जाता है ।
  • इसमे कोयला , पानी, diesel आदि का न तो संग्रह करने की आवश्यकता होती है न ही बार बार भरने की ।
  • Electric Traction का maintenance cost कम होती है।
  • Electric Traction में starting time कम होती है यानी इलेक्ट्रिसिटी से चलने वाली गाड़िया बहुत ही कम समय मे स्टार्ट हो जाती हैं।
  • इस प्रणाली में starting torque  उच्च होता है।
  • इस प्रणाली में regenerative Braking system का उपयोग किया जाता है जिससे ज्यादा ऊर्जा नष्ट नही होती है ।
  • Electricity के उपयोग से उच्च मात्रा में कोयला की बचत होती है ।

Disadvantages of Electric Traction। विद्दुत संकर्षण की हानियाँ।

जिस प्रकार एक सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी प्रकार electric traction के कुछ लाभ हैं तो वहीं कुछ हानिया भी हैं जो नीचे दिए गए हैं।
  • Electric traction की प्रारंभिक लागत बहुत अधिक होती है ।
  • इस प्रणाली की विश्वस्नीयत विद्दुत की उपलब्धता पर निर्भर रहती है।
  • किसी भी प्रकार से विद्दुत बाधित होने पर यह  सम्पूर्ण प्रणाली रुक जाती है।
  • Electric traction का electric circuit अन्य traction की अपेक्षाकृत जटिल होता है ।

मैं आशा करता हूँ कि मेरे द्वारा दी गयी जानकारी आपके समझ मे आयी होगी । अगर आपको यह लेख पसंद आई हो तो पोस्ट को लाइक जरूर करें और कोई प्रश्न हो तो  कमेंट करके जरूर  पूंछे ।


           Post पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद

यह भी पढ़ें-




Akhilesh Patel

मेरा नाम अखिलेश पटेल है और मै Desi Alert और Electrical Gyan वेबसाइट का owner हूँ। मुझे Blogging में पिछले 3 साल का अनुभव है। मैंने अपने करियर की शुरुआत Electrical Gyan वेबसाइट से एक content writer के रूप में शुरू किया। instagram facebook pinterest twitter

2 टिप्पणियाँ

Please do not enter any spam link in description box.

एक टिप्पणी भेजें
और नया पुराने
CLOSE ADS
CLOSE ADS