दोस्तों आज के इस post में हम air conditioner के बारे में जानेंगे की air conditioner क्या होता है ? Air conditioner कैसे कार्य करता है ? Air conditioner की संरचना कैसी होती है? Ac का अविष्कार किसने और कब किया ? Air conditioner के प्रकार आदि और बहुत कुछ।
आज के इस पोस्ट में हम air conditioner की संपूर्ण जानकारी आपके साथ साझा करेंगे।
Table of Contents
Air conditioner क्या होता है? What is air conditioner- in Hindi
पिछले कुछ वर्षों से बढ़ती गर्मी के कारण अब घरो में पंखे और कूलर की जगह AC का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है।पहले केवल कुछ संपन्न लोग ही AC का इस्तेमाल किया करते थे, परंतु आजकल मध्यमवर्गीय परिवार के लोग भी AC का इस्तेमाल करने लगे है। बड़े बड़े मॉलों, व्यावसायिक स्थानों, ऑफिस आदि में भी टेम्प्रेचर को संतुलित करने के लिए AC (Air Conditioner) का ही इस्तेमाल किया जाता है।
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एक ऐसा उपकरण या सिस्टम जिसके द्वारा humidity, ventilation , और temperatureको अपने comfort के अनुसार नियंत्रित किया जाता है तो उस system या उपकरण को air conditioner कहते हैं।
AC जहां पर लगा होता है, वह वहाँ से गर्म हवा को सोखता है, और उस गर्म हवा को अपने अंदर लगे हुऐ Refrigerant और Coils के द्वारा Process करके ठंडी हवा को वापस बाहर फेकता है। जिससे वातावरण ठंडा हो जाता है, और उस जगह का Temperature कम होने लगता है। अगर इसे सरल भाषा में कहा जाये तो AC आपके कमरे की गर्मी को बाहर निकालकर उसे ठंडा कर देता है।
आशा करता की अब आपको एक ac के बारे में कुछ हद तक जानकारी हो गई होगी air conditioner क्या होता है ?
अब हम air conditioner के संरचना और उसके working principle को समझेंगे।
Air conditioner का अविष्कार किसने और कब किया
गर्मी आते ही air conditioner का इस्तेमाल काफी बढ़ जाता है । दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में हर घर में आपको एक छोटा air conditioner दिख ही जायेगा । घर हो या दफ्तर ,स्कूल हो या फिर society हर जगह air conditioner दिख जायेगा। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया का पहला air conditioner किसने बनाया और कब ?
दुनिया का पहला AC Willis Haviland Carrier ने सन् 1902 में बनाया था । Willis Haviland Carrier ने कार्नेल यूनिवर्सिटी से Engineering में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वह एक बफैलो फोर्ज प्रिंटिंग प्लांट में काम करने लगे थे । Plant में गर्मी होने के कारण अखबार में प्रिंटिंग सही तरीके से नहीं हो पा रही थी । इस समस्या से बाहर निकलने के लिए Carrier sir ने Ac का अविष्कार किया।
Air conditioner की संरचना। Construction of air conditioner - in Hindi
जैसा कि हमे पता है कि एक air conditioner बहुत ही आसानी से किसी भी room के temperature को कम या ज्यादा कर देता है । अब हम air conditioner के construction या संरचना को समझते हैं कि किस तरह से Engineers ने एक air conditioner को design किया? Air conditioner को design करते समय engineers ने air conditioner को चार भागों से मिलाकर बनाया है ।
- Compressor
- Condenser
- Expansion valve
- Evaporator
सभी air conditioning system की संरचना में यही मुख्य चार भाग होते हैं । इनमे से किसी एक भाग के बिना air conditioner अधूरा है क्योंकि रिफ्रेजरेंट cycle में इनका अलग अलग कार्य है ।
Compressor
यह air conditioner का मुख्य भाग होता है तथा पूरे cost का 30 से 40 प्रतिशत cost सिर्फ और सिर्फ compressor की होती है । यह एक पंप होता है जो refrigerant को पंप करके condenser और evaporator के बीच flow कराता है। Compressor का मुख्य कार्य air conditioner cycle में बहनें वाली refrigerant gas को compress करके उस गैस का प्रेशर और temperature बढ़ाना होता है । Compressor , evaporator से आने low pressure gas को suck करता है उसका pressure बढ़ाकर condenser में discharge कर देता है । Compressor को इस प्रकार design किया गया होता है कि वह केवल गैस को ही compress कर सकता है । अगर compressor में थोड़ा सा भी liquid चला जाएगा तो वह compressor को damage कर सकता है । Compressor में liquid न जाए इसके लिए compressor के साथ में एक अलग से accumulator लगा होता है। Accumulator का कार्य liquid को compressor तक न पहुंचने देना होता है अर्थात् accumulator, liquid को अपने अंदर स्टोर कर लेता है और केवल गैस को ही जाने देता है।
Condenser
Condenser , copper की बनी हुई coil होती है जिस पर एल्यूमिनियम की पतली पतली fins लगी होती हैं । CONDENSER जैसा कि इसके नाम से पता चला रहा है कि condensation अर्थात् एक ऐसी प्रक्रिया जिसमे किसी पदार्थ के gaseous state को liquid state में बदला जाता है तो उस प्रक्रिया को condensation कहते हैं तथा इस युक्ति को जिसके द्वारा condensation संपन्न होता है उसे condenser कहते हैं । जब compressor से refrigerant ,compress होकर condenser में जाता है तो उस refrigerant का तापमान 80°c से 90°c तक होता है । Heat transfer theory के अनुसार heat हमेशा ज्यादा तापमान से कम तापमान की ओर ट्रांसफर होता है , तो इस सिद्धांत के अनुसार जब compressed refrigerant जिसका तापमान 80°c से 90°c तक है जब condenser में जाता है तो वायुमंडलीय air के संपर्क में आने के कारण refrigerant अपना heat loose करने लगता है । जैसे जैसे refrigerant coil में travel करता है वैसे वैसे उसका temperature कम होता जाता है और जब refrigerant (जो कि gaseous state में है) का तापमान अपने saturation temperature से नीचे चला जाता है तो refrigerant अपना phase change कर लेता है अर्थात् वह गैस से liquid में बदल जाता है । Air में transfer हुई हिट को एक मोटर fan (जो condenser coil पर assemble रहती है ) की सहायता से बाहर निकाल लिया जाता है । Condenser में refrigerant , gaseous state में high pressure और high temperature के साथ enter करता है। Condenser में travel करने के बाद refrigerant , liquid state में high pressure और low temperature के साथ बाहर निकलता है।
Expansion valve
Expansion valve को thermal expansion valve भी कहते हैं और यह air conditioning system का मुख्य भाग है। इसके बिना cooling संभव नही है । Expansion Valve का मुख्य कार्य कंडेंसर से आने वाली high pressure और high temperature refrigerant को low pressure और low temperature में बदलकर evaporator में भेजना होता है । Expansion valve के द्वारा evaporator coil में जाने वाले refrigerant के flow को कंट्रोल किया जाता है । यह condenser और evaporator के बीच में लगा होता है।
Expansion valve का संक्षिप्त कार्यविधि नीचे दिया गया है ।
- Condenser से निकलने वाली high pressure,high temperature refrigerant को जब expansion valve से निकाला जाता है तो उस refrigerant का temperature और pressure कम हो जाता है ।
- Expansion valve से निकलने वाली cooled और low pressure refrigerant जब evaporator coil में जाती है तो यह अपने चारों तरफ उपस्थित air में से heat को absorb कर लेता है जिससे room का तापमान कम हो जाता है ।
- Air को cool करने के बाद यह low pressure refrigerant दुबारा compressor में वापस चला जाता है जिससे इसे पुनः compress करके इसका temperature और pressure बढ़ाया जा सके । और यह cycle बार बार repeat होती रहती है ।
Expansion valve, evaporator में refrigerant प्रवेश करने की दर को नियंत्रित करके रेफ्रिजरेशन और air conditioning system की दक्षता और प्रदर्शन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
Evaporator
यह एक indoor unit है जिसमें evaporator coil और ठंडी हवा को circulate करने के लिए एक पंखे का इस्तेमाल किया जाता है. Evaporator coils में refrigerant तरल अवस्था में ट्रैवल करता है और गैस में तब्दील होकर गर्मी और नमी को सोखता है. हवा से गर्मी और नमी सोखने के बाद ठंडी हो चुकी हवा को पंखा द्वारा वापस अंदर की तरफ भेजता है|
Air conditioner कैसे कार्य करता है ? Working of air conditioner
जब ac को चालू करते हैं तो compressor refrigerant को compress करने लगता है । Compress होने के कारण refrigerant का तापमान वातावरण से अधिक हो जाता है । Compress refrigerant condenser में जाता है । रेफ्रिजरेंट अपनी उष्मीय ऊर्जा को कंडेनसर coil के माध्यम से वातावरण को दे देता है जिससे रेफ्रिजरेंट का ताप कुछ कम हो जाता है। इसके बाद रेफ्रिजरेंट expension valve से निकल कर Evaporator मे प्रवेश करता है यहा उसका उस पर लगा दाब अचानक से एकदम कम हो जाता है जिससे उसका तापमान भी बहुत कम हो जाता है यही पर इवेपोरेटर के पीछे एक बेलनाकार पंखा लगा होता है जिससे कमरे की हवा इवेपोरेटर से बार-बार टकराकर ठंडी होती रहती है। जब रेफ्रिजरेंट कमरे की गर्मी को अवशोषित कर लेता है तो यह फिर से कंप्रेशर के माध्यम से कंडेंशर में चला जाता है। यही प्रक्रिया लगातार चलती रहती है।।
Type of air conditioner /Air conditioner के प्रकार
AC डिजाइन के आधार पर मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं।
- Split AC - स्प्लिट AC दो भाग में होता है Split का मतलब होता है टुकड़ा या भाग, आमतौर पर सबसे ज्यादा इसी प्रकार के AC का प्रयोग किया जाता है।
- Window ac - Window AC को खिड़की पर लगाया जाता है यह एक बॉक्स की तरह होता है यह आगे से डंडी हवा निकलता है और पीछे से गर्मी बाहर निकलता है। इसलिए इसका आधा से ज्यादा हिस्सा घर के बाहर ही होता है।
- Portable ac - पोर्टेबल AC वाशिंग मशीन की तरह होते हैं इनमे छोटे छोटे पहिए लगे होते हैं जिनकी मदद से घर में इसे एक स्थान दूसरे स्थान पर आसानी से एक कमरे से दूसरे कमरे में ले जाया जा सकता है। इसके पीछे एक गर्मी निकलने के लिए पाइप होती हैं जिसे कमरे के बाहर रखना पड़ता है।
- Central ac - सीलिंग AC जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है की इसे छत में लगाया जाता हैं। इसका उपयोग शॉपिंग मॉल, जिम, हाल, बैंक आदि के छत में लगाया जाता है।
इन्वर्टर AC और सामान्य AC में क्या अंतर होता है।
इनवर्टर एसी का मतलब यह नहीं होता है कि यह बिजली जाने के बाद भी काम करता रहेगा बल्कि इनवर्टर एसी में एक विशेष प्रकार का कंप्रेसर होता है जो अपनी आवश्यकता के अनुसार अपने गति को कम या तेज कर लेता है।
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जबकि सामान्य एसी का जो कंप्रेसर होता है वह केवल बंद और चालू होता है।
जैसे मान लीजिए कि आपका कमरा 22°c तक ठंडा हो गया और अब आप एसी को इसी तापमान पर सेट कर देते है तो इनवर्टर एसी अपने कंप्रेसर के स्पीड को कम करके कमरे के तापमान को 22 डिग्री सेल्सियस पर बनाकर रखेगा। इससे बिजली की भी बचत होती है और एसी की दक्षता भी बढ़ जाती है।
जबकि नॉन इनवर्टर एसी का कंप्रेसर 22 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचने पर बंद हो जाएगा फिर जब कमरे का तापमान 22 डिग्री सेल्सियस से कम हो जायेगा तो वह पुनः ऑन हो जाएगा और फिर जब कमरे का तापमान 22 डिग्री सेल्सियस होगा तो फिर से बंद हो जाएगा। इससे बिजली की बर्बादी होती है और एसी की दक्षता भी घट जाती है तथा कमरे के तापमान में भी उतार चढ़ाव होता रहता है।।
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धन्यवाद 🙏🙏
Indoor and outdoor split AC me difference kya hai
जवाब देंहटाएंIndoor unit को रूम के अंदर लगाते है जिस रूम को ठंडा करना होता है और outdoor unit को रूम के बाहर लगाते हैं । Outdoor unit में ही ac का कंप्रेशर, कंडेंसर और एक्सपेंशन वाल्व लगा होता है ।
हटाएंJust wanted to share my experience with HI-TECH Air Conditioning! Their service was exceptional, and the installation process was smooth. If you’re looking for reliable AC solutions, check them out at [hi-tech.rf.gd](http://hi-tech.rf.gd/?i=1)! Highly recommend!
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