Power system के प्रचालन के समय circuit जैसे Transmission line , Distribution line, Generating plant इत्यादि को साधारण व असाधारण अवस्था में चालू व बंद करने की आवश्यकता पड़ती है ।
पहले के दिनों में सर्किट को open और close करने के लिए switch और fuse का उपयोग किया जाता था । लेकिन इस control system से दो हानियां हो रही थीं।
- जब fuse पिघल जाता था तो fuse तार को दोबारा लगाने में समय लगता था । जिससे उपभोक्ता को सप्लाई देने में समय लगता था । Fuse बार बार बदलने से over all system की maintenance cost बढ़ जाती थी ।
- Fuse भारी faulty current को सफलतापूर्वक नहीं रोक पाता था । जिससे उपकरण के खराब होने की संभावना बनी रहती थी ।
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इन सभी दोषों के कारण switch व fuse का प्रयोग एक सीमित voltage ⚡ तक होने लगा क्योंकि पावर सिस्टम में जो भी equipment लगे होते हैं वह बहुत ही महंगे होते हैं । इसलिए इनकी safety(Power system में लगे equipment को खराब या damage होने से बचाने ) के लिए पावर सिस्टम में हमें एक ऐसे device लगाने की आवश्यकता है जो abnormal condition आने पर circuit को automatic open कर दें । जिससे faulty section और healthy section अलग हो सके।
इस कार्य को अंजाम देने के लिए Circuit Breaker का उपयोग किया जाता है । जो normal और abnormal condition में सर्किट को जोड़ने और तोड़ने का कार्य करता है ।
आज की इस पोस्ट में हम power system में उपयोग होने वाले कुछ Circuit Breaker के बारे में पढ़ेंगे ।
Oil circuit breaker in Hindi
Construction of oil circuit breaker/ Oil circuit breaker की संरचना
- यह circuit breaker एक मेटालिक body का बना हुआ टैंक होता है । इस टैंक में दो इलेक्ट्रोड लगे रहते हैं । यह इलेक्ट्रोड ही विद्युत धारा का प्रवाह कराते हैं । यह इलेक्ट्रोड high conducting material से बना होता है।
- इस टैंक में पूरे आयतन का एक तिहाई हिस्से को transformer oil से भर दिया जाता है । इसमें ट्रांसफार्मर oil का दो मुख्य कार्य होता है । पहला यह है कि यह contacts के मध्य बनने वाले आर्क को बुझाता है और दूसरा यह कि contact और tank के बीच insulation प्रदान करता है ।
- Tank के ऊपर पोर्सलीन का बना हुआ एक इंसुलेटर लगा होता है जो कंडक्टर को मैकेनिकल support प्रदान करता है ।
- टैंक के ऊपर एक outlet Valve होता है जो oil से बनने वाली गैस को बाहर निकालने का कार्य करता है ।
Oil circuit breaker का कार्यविधि/Working principle of Oil circuit breaker
- Arc की लंबाई को बढ़ाकर
- Arc को ठंडा करके
- Arc का cross sectional area कम करके
- Arc को तितर बितर करके ।
Arc instruption in oil circuit breaker
Advantage of Oil Circuit Breaker/ ऑयल सर्किट ब्रेकर के लाभ
- इस सर्किट ब्रेकर में उपयोग होने वाला ट्रांसफार्मर ऑयल insulating प्रकृति का होने के कारण यह contact और tank के बीच में insulation का कार्य करता है।
- इसमें हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होने के कारण यह ionized particle को deionized कर देता है जिसे arc थोड़ी ही समय में बुझ जाती है।
- यह अन्य इंसुलेटर की तुलना में सस्ता होता है।
Dis-advantage of oil Circuit Breaker/ऑयल सर्किट ब्रेकर की हानियां
- उत्पन्न हुआ हाइड्रोजन गैस हवा के साथ मिलकर explode भी कर सकता है ।
- Oil circuit breaker में उपयोग किए जाने वाला oil inflammable होता है जिससे आग लगने की संभावना बनी रहती है जिससे आग लगने की संभावना बनी रहती है ।
- जब ionized particle deionized होता है तो कुछ amount में कार्बन बन जाता है जो oil में घोलकर तेल को अशुद्ध कर देता है । जिसके कारण तेल का dielectric strength decrease होने लगता है ।
Type of oil circuit breaker/ऑयल सर्किट ब्रेकर के प्रकार
- Bulk Oil circuit breaker
- Low Oil circuit breaker
Bulk oil Circuit breaker
- Plain break oil circuit breaker
- Arc control oil Circuit Breaker
Plain break oil Circuit Breaker
- इस circuit beaker में भी एक टैंक होता है । जिसके अंदर अधिक मात्रा ऑयल भरा होता है। इस टैंक के अंदर ही संपर्कों का प्रचालन होता है।
- सामान्य अवस्था में दोनों संपर्क एक दूसरे से मिले होते हैं। लेकिन circuit में कोई fault आता है तो moving contact को एक mechanism के द्वारा नीचे की तरफ धकेल दिया जाता है।
- दोनों संपर्कों के अलग हो जाने के कारण संपर्कों के बीच arc उत्पन्न हो जाता है ।
- Arc उत्पन्न होने के कारण उसके आस पास का तेल वाष्पित हो जाता है जिससे हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है ।
- हाइड्रोजन गैस के बुल–बुले अपने आस पास के आर्क को ठंडा करता है ।
- हाइड्रोजन गैस आर्क पथ में आने वाले आर्किंग तत्वों को हटाता है ।
- संपर्कों के हटने से जैसे ही आर्क उत्पन्न होती है तो हाइड्रोजन गैस उस माध्यम की dielectric strength को बढ़ा देता है । जिससे आर्क के पथ में रुकावट पैदा होता हैं। जिससे आर्क बुझ जाती है ।
Plain break oil Circuit Breaker की हानियां
- इस परिपथ वियोजक में आर्क की लंबाई को बढ़ाने की कोई प्रमुख व्यवस्था नहीं होती है जोकि आर्क को बुझाने के लिए परम आवश्यक है।
- यह circuit breaker speed से आर्क को नही बुझा पाता है ।
- इस सर्किट ब्रेकर में आर्क अधिक समय तक बना रहता है ।
Arc control oil circuit breaker
एक ऐसा circuit breaker जिसमे कुछ विधियों के द्वारा आर्क को control किया जा सकता है उस circuit Breaker को Arc Control oil circuit breaker कहते हैं ।
यह circuit breaker दो प्रकार का होता हैं–––
- Self blast oil circuit breaker
- Forced blast oil circuit breaker
- Self blast oil c.b. में जरूरी दाब आर्क के द्वारा ही उत्पन्न किया जाता है । जिससे इस दाब के कारण oil पर एक बल लगता है । जिसके कारण ऑयल संपर्कों के चारो तरफ घूमकर आर्क को बुझाता है ।
- Self blast circuit breaker में आर्क बने रहने का समय अधिक होता है । अगर किसी कारण वश faulty धारा का मान कम हो जाता है तो पात्र के अंदर बनने वाला दाब भी कम हो जाता है । इसी कमी को दूर करने के लिए forced blast oil circuit breaker बनाया गया । इस circuit breaker में जरुरी दाब , बाहरी यांत्रिक उपयंत्रो के द्वारा उत्पन्न किया जाता है जोकि faulty धारा पर निर्भर नहीं करता है ।
- इस सर्किट ब्रेकर में आर्क को control करने के लिए जरूरी दाब एक पिस्टन बेलन युक्ति के द्वारा किया जाता है । इस पिस्टन का movement, moving contact के ऊपर निर्भर करता है ।
- जब fault उत्पन्न होता है तो moving contact, fixed contact से अलग हो जाता है ।
- Moving contact के मूवमेंट के कारण पिस्टन एक बल लगाकर ऑयल को दोनों संपर्कों के बीच में डालती है जिसके कारण आर्क जल्दी बुझ जाती है ।
Low oil Circuit Breaker या minimum oil circuit breaker
Low oil circuit breaker की संरचना
- Supporting chamber - यह chamber पोर्सलिन इंसुलेटर से बना होता है । इस चैंबर में ट्रांसफॉर्मर ऑयल भरा होता है । Oil का मुख्य कार्य conducting material को insulation प्रदान करना है । इस chamber में एक piston लगा होता है जो की एक रोड की सहायता से moving contact को जोड़ता है ।
- Circuit Breaking chamber - यह supporting chamber के ठीक ऊपर होता है । इस chamber में भी oil भरा होता है । इस chamber में भरे हुए ऑयल का मुख्य कार्य उत्पन्न हुई आर्क को बुझना होता है । Moving contact और fixed contact इसी चैंबर में होते हैं। चल संपर्क खोखला और बेलनाकार होता है जो कि एक पिस्टन से जुड़ा रहता है ।
- Top chamber- यह धातु का बना एक चैंबर होता है जो इस सर्किट ब्रेकर के top पर होता है । इसमें Breather और gas- vent लगा होता है । Breather शुद्ध हवा को अंदर आने देता है और gas -vent अंदर उत्पन्न हुए गैस को बाहर निकालने का कार्य करता है ।
- Drain - valve - यह supporting चैंबर में लगा होता है । इसकी सहायता से ऑयल को change किया जाता है ।
Low Oil circuit breaker का कार्य सिद्धांत
- सामान्य अवस्था में सर्किट ब्रेकर के मूविंग कांटेक्ट और फिक्स्ड कांटेक्ट एक दूसरे से चिपके रहते हैं और सर्किट में धारा बहती रहती है ।
- लेकिन जब सिस्टम में किसी प्रकार का कोई fault उत्पन्न होता है तो रिले fault को
detect करके पिस्टन को ऑपरेट कर देता है । जिसके कारण चल संपर्क को पिस्टन के द्वारा fixed contact से अलग कर दिया जाता है । - चल संपर्क के अलग होने के कारण दोनों संपर्कों के मध्य आर्क उत्पन्न हो जाता है । इस आर्क की सहायता से faulty धारा सिस्टम में बहती रहती है ।
- Arc के कारण उसके आस- पास के तेल का तापमान अधिक हो जाने के कारण हाइड्रोजन गैस के बुल- बुले बनने लगते हैं । हाइड्रोजन गैस की यह बुल- बुले arc को बनाए रखने के लिए जो free इलेक्ट्रॉन होते हैं उनको यह absorb कर लेता है और गैस हल्की हो जाने के कारण यह ऊपर की तरफ जाकर gas vent के रास्ते बाहर निकल जाता है और इस प्रकार आर्क बुझ जाती है ।
Low oil circuit breaker के लाभ
- इस circuit breaker के संपर्कों के मध्य बनने वाले आर्क की लंबाई कम होती है ।
- इस circuit breaker में oil मात्रा कम होती है ।
- इसका आकार छोटा होने के कारण यह कम स्थान घेरता है।
- इसमें आग लगने का खतरा कम होता है ।
- इसमें maintenance की कम आवश्यकता होती है ।
- इसके निर्माण में कम मात्रा में steel का प्रयोग किया जाता है ।
Low oil circuit breaker की हानियां
- इस circuit breaker में तेल की di-electric strength तेजी से घटता जाता है ।
- तेल की मात्रा कम होने के कारण तेल का कार्बोनाइजेशन बढ़ जाता है ।
- संपर्कों के बीच से गैस को हटाने में समस्या होती है ।
Bulk oil circuit breaker और low oil circuit breaker की तुलना
Sr. no. | Low Oil C.B. | Bulk Oil C.B. |
---|---|---|
1 | इसमें तेल की मात्रा कम होती है। | इसमें अधिक मात्रा में तेल का उपयोग किया जाता है। |
2 | इस सर्किट ब्रेकर का साइज कम होने के कारण यह कम स्थान घेरता है। | इसका आकार बड़ा होने के कारण या अधिक स्थान घेरता है। |
3 | आकार में छोटा होने के कारण इसे आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है। | आकार में बड़ा होने के कारण ट्रांसपोर्टेशन में समस्या होती है। |
4 | इसमें मेंटिनेस कॉस्ट कम लगती है। | इसमें मेंटिनेस कॉस्ट अधिक लगती है। |
5 | इसमें अधिक मात्रा में कार्बोनाइजेशन होता है। | इसमें कम मात्रा में कार्बोनाइजेशन होता है। |
6 | इसका उपयोग 132 कवि तक के वोल्टेज के लिए किया जाता है। | इसका उपयोग 33kv,66kv वोल्टेज के लिए किया जाता है। |
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जवाब देंहटाएंBahut accha post likha hai apne
जवाब देंहटाएंbahut acchi tarike se aapne samajhaya hai
जवाब देंहटाएंvery nice post
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