What is switch gear and protection in Hindi? फ्यूज, सर्किट ब्रेकर, आइसोलेटर आदि जाने विस्तार से -Electrical Gyan

  आज के इस युग में विद्युत ऊर्जा की खपत बहुत बड़ गई है । जैसे घरेलू कार्यों के लिए, अस्पतालों में, प्रकाश व्यवस्था के लिए ,हीटिंग के लिए और विद्युत कर्षण आदि जैसे क्षेत्रो में विद्युत ऊर्जा की बहुत आवश्यकता होती है । इसलिए इतनी अधिक मात्रा में विधुत उर्जा को सफलता पूर्वक प्रदान करने के लिए तीन चीजों की आवश्यकता पड़ती है । Switching, Controlling and Protection . इनकी सहायता से ही किसी विद्युत सिस्टम को सफलता पूर्वक चलाया जाता है ।  आज की इस पोस्ट में हम ट्रांसमिशन लाइन में लगने वाले स्विचगियर और प्रोटेक्शन (Switch gear and protection in Hindi) के बारे में विस्तार से समझेंगे।

switch gear and protection

स्विचगियर क्या है? (What is Switchgear?)

स्विचगियर उन सभी उपकरणों का समूह है जो विद्युत परिपथों को नियंत्रित और संरक्षित करते हैं। इसमें स्विच, सर्किट ब्रेकर, फ्यूज, बसबार, वियोगकर्ता और रिले जैसे उपकरण शामिल हैं। स्विचगियर का मुख्य कार्य विद्युत प्रवाह को नियंत्रित करना, खराबी की स्थिति में परिपथ को अलग करना और उपकरणों को क्षति से बचाना होता है। उसे switchgear कहते हैं। Switchgear Equipment के अंतर्गत आने वाले उपकरणों के द्वारा हम धारा को कंट्रोल सामान्य तथा असामान्य स्थितियों में कर सकते हैं । इसके अंतर्गत Switch ,Fuse, Circuit breaker, Relay, Isolator और अन्य उपकरण आते हैं जो नीचे दिए गए हैं
  • सर्किट ब्रेकर (Circuit Breaker): यह उपकरण किसी भी असामान्य स्थिति में विद्युत प्रवाह को तुरंत रोक देता है।
  • इसोलेटर्स (Isolators): ये उपकरण बिना किसी load के परिपथ को अलग करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  • फ्यूज (Fuse): यह एक सुरक्षा उपकरण है जो अत्यधिक धारा की स्थिति में गलकर परिपथ को तोड़ देता है।
  • बसबार (Busbar): यह एक मोटी तार है जो विभिन्न उपकरणों को आपस में जोड़ने का काम करती है।
  • रिले (Relay): यह एक स्वचालित स्विच है जो किसी विशिष्ट स्थिति में चालू होकर सर्किट ब्रेकर को ट्रिप करने का संकेत देता है।
  • मीटर: ये उपकरण विद्युत मात्राओं जैसे वोल्टेज, धारा और शक्ति को मापते हैं।

अगर हम इनके उपयोग की बात करे तो Electrical Power के बनाने यानि Generating Station, Transmission तथा Distribution तक हर जगह इनका इस्तेमाल होता है जेसे:-

  1. ये Short Circuit तथा Over Load जैसी हालत में प्रोटेक्शन देने का काम करते हैं।
  2. Switchgear  करंट को कंट्रोल व डिस्ट्रीब्यूट करने का काम करते हैं।
  3. Switchgear  किसी भी तरह के Fault यानि खराबी के समय Electrical Circuit को Isolate करते हैं।
  4. Switchgear  किसी भी तरह की परिस्थियों मे Electrical Circuit को खोलने या बंद करने की क्षमता रखते है।

Working of switchgear / Switchgear की कार्यविधि 

स्विचगियर विद्युत उपकरणों का एक समूह है जिसका उपयोग विद्युत परिपथों को नियंत्रित, संरक्षित और पृथक करने के लिए किया जाता है। इसकी कार्यप्रणाली को दो मुख्य भागों में समझा जा सकता है:

1. नियंत्रण और संचालन:

  • स्विच और डिस्कनेक्टर्स: ये उपकरण परिपथ को चालू और बंद करने की अनुमति देते हैं। स्विच सामान्य संचालन के लिए होते हैं, जबकि डिस्कनेक्टर्स रखरखाव या मरम्मत के दौरान परिपथ को पूरी तरह से अलग करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  • मीटरिंग उपकरण: ये उपकरण वोल्टेज, धारा, शक्ति और अन्य विद्युत मापदंडों को मापते हैं, जिससे यह जानकारी मिलती है कि परिपथ कैसा काम कर रहा है।
  • रिले: ये उपकरण पूर्व निर्धारित परिस्थितियों (जैसे ओवरलोड या शॉर्ट सर्किट) के आधार पर स्वचालित रूप से स्विचिंग करते हैं, जिससे परिपथ को सुरक्षा प्रदान होती है।

2. सुरक्षा:

  • सर्किट ब्रेकर: ये स्वचालित स्विच हैं जो अत्यधिक धारा, शॉर्ट सर्किट या ग्राउंड फॉल्ट की स्थिति में बिजली काट देते हैं। ये उपकरण परिपथ और उपकरणों को क्षति से बचाते हैं।
  • फ्यूज: ये एक बार उपयोग किए जाने वाले उपकरण होते हैं जो बहुत अधिक धारा बहने पर पिघल जाते हैं और बिजली को काट देते हैं। इनका उपयोग मुख्य रूप से निचली धारा वाले परिपथों में किया जाता है।
  • ग्राउंडिंग: यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि बिजली का रिसाव किसी व्यक्ति या उपकरण को नुकसान न पहुंचाए।

ये सभी उपकरण एक साथ मिलकर काम करते हैं ताकि विद्युत परिपथों को सुरक्षित और कुशलता से नियंत्रित किया जा सके। स्विचगियर की वास्तविक कार्यप्रणाली इसके विशिष्ट प्रकार और अनुप्रयोग के आधार पर भिन्न हो सकती है।

Type of switchgear in Hindi/ स्विचगियर के प्रकार

स्विचगियर को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है

1. स्थापना के स्थान के आधार पर:

  • इनडोर स्विचगियर: यह स्विचगियर इमारतों के अंदर स्थापित किया जाता है। यह आमतौर पर कम वोल्टेज अनुप्रयोगों के लिए उपयोग किया जाता है।
  • आउटडोर स्विचगियर: यह स्विचगियर खुले में स्थापित किया जाता है। यह आमतौर पर उच्च वोल्टेज अनुप्रयोगों के लिए उपयोग किया जाता है।

2. इन्सुलेशन माध्यम के आधार पर:

  • वायु-इन्सुलेटेड स्विचगियर (AIS): यह सबसे आम प्रकार का स्विचगियर है। यह हवा का उपयोग इन्सुलेटिंग माध्यम के रूप में करता है।
  • तेल-इन्सुलेटेड स्विचगियर: यह स्विचगियर तेल का उपयोग इन्सुलेटिंग माध्यम के रूप में करता है। यह उच्च वोल्टेज अनुप्रयोगों के लिए उपयोग किया जाता है।
  • गैस-इन्सुलेटेड स्विचगियर (GIS): यह स्विचगियर सल्फर हेक्साफ्लोराइड (SF6) गैस का उपयोग इन्सुलेटिंग माध्यम के रूप में करता है। यह उच्च वोल्टेज अनुप्रयोगों के लिए उपयोग किया जाता है।

3. वोल्टेज स्तर के आधार पर:

  • कम वोल्टेज स्विचगियर (LV): यह स्विचगियर 1kV तक के वोल्टेज के लिए उपयोग किया जाता है।
  • मध्यम वोल्टेज स्विचगियर (MV): यह स्विचगियर 1kV से 33kV तक के वोल्टेज के लिए उपयोग किया जाता है।
  • उच्च वोल्टेज स्विचगियर (HV): यह स्विचगियर 33kV से ऊपर के वोल्टेज के लिए उपयोग किया जाता है।

4. कार्यक्षमता के आधार पर:

  • प्राथमिक स्विचगियर: यह स्विचगियर बिजली संयंत्रों और सबस्टेशनों में स्थापित किया जाता है। यह विद्युत ऊर्जा के वितरण के लिए जिम्मेदार है।
  • द्वितीयक स्विचगियर: यह स्विचगियर औद्योगिक और घरेलू प्रतिष्ठानों में स्थापित किया जाता है। यह बिजली ऊर्जा के उपयोग के लिए जिम्मेदार है।

5. डिजाइन के आधार पर :

  • पारंपरिक स्विचगियर: यह स्विचगियर पारंपरिक डिजाइन का उपयोग करता है। यह बड़ा और भारी होता है।
  • मॉड्यूलर स्विचगियर: यह स्विचगियर मॉड्यूलर डिजाइन का उपयोग करता है। यह छोटा और हल्का होता है।

Switchgear की विशेषताएं

  • विश्वसनीयता: स्विचगियर को बिना किसी खराबी के लंबे समय तक चलने के लिए डिज़ाइन किया जाना चाहिए। इसका मतलब है कि उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री से बनाया जाना चाहिए और कठोर Testing से गुजरना चाहिए।
  • सुरक्षा: स्विचगियर को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बिजली का उपयोग सुरक्षित है। इसका मतलब है कि उन्हें इसमें सर्किट ब्रेकर, फ्यूज और ग्राउंडिंग सिस्टम जैसी सुरक्षा विशेषताएं शामिल होनी चाहिए।
  • नियंत्रणीयता: स्विचगियर को बिजली के प्रवाह को आसानी से नियंत्रित करने में सक्षम होना चाहिए। इसका मतलब है कि उनके पास स्विच, डिस्कनेक्ट और अन्य नियंत्रण उपकरण होने चाहिए।
  • लचीलापन: स्विचगियर को विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों में उपयोग करने में सक्षम होना चाहिए। इसका मतलब है कि उन्हें विभिन्न आकारों और वोल्टेज रेटिंग में उपलब्ध होना चाहिए।
  • दक्षता: स्विचगियर को यथासंभव कम बिजली बर्बाद करनी चाहिए। इसका मतलब है कि उन्हें कुशल डिजाइन और उच्च गुणवत्ता वाले घटकों का उपयोग करना चाहिए।
  • आर्थिकता: स्विचगियर को किफायती होना चाहिए। इसका मतलब है कि उन्हें प्रतिस्पर्धी मूल्य पर उपलब्ध होना चाहिए और स्थापित करना और बनाए रखना आसान होना चाहिए।

संरक्षण किसे कहते है?( What is Protection in Hindi)

विद्युत प्रणालियां विभिन्न प्रकार की समस्याओं के प्रति संवेदनशील होती हैं, जैसे कि शॉर्ट सर्किट, ओवरलोडिंग, और बिजली गिरना। संरक्षण वह प्रक्रिया है जिसका उपयोग इन समस्याओं को पहचानने और उन्हें कम करने के लिए किया जाता है। संरक्षण प्रणाली में आमतौर पर निम्नलिखित उपकरण शामिल होते हैं:

  • संरक्षण रिले: ये उपकरण किसी समस्या का पता लगाते हैं और सिग्नल भेजते हैं।
  • सर्किट ब्रेकर: ये उपकरण सिग्नल प्राप्त करने पर परिपथ को खोल देते हैं।
  • अन्य सुरक्षा उपकरण: जैसे कि ग्राउंड फॉल्ट सर्किट इंटरप्टर्स (GFCIs) और फ्यूज।

संरक्षण प्रणाली उपकरणों और व्यक्तियों को क्षति से बचाने और विद्युत प्रणालियों के विश्वसनीय संचालन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

 

आशा  करता हु कि यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी । 

धन्यवाद 





Akhilesh Patel

मेरा नाम अखिलेश पटेल है और मै Desi Alert और Electrical Gyan वेबसाइट का owner हूँ। मुझे Blogging में पिछले 3 साल का अनुभव है। मैंने अपने करियर की शुरुआत Electrical Gyan वेबसाइट से एक content writer के रूप में शुरू किया। instagram facebook pinterest twitter

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