क्या आपको कभी भी ऑपरेटिंग कंडीशन में कुछ उपकरणों को छूने पर हल्का झटका लगा है? जी हां - आपने कभी न कभी यह झटका महसूस किया ही होगा । कभी कभी यह झटके इतने खतरनाक हो सकते हैं कि यह बड़े खतरे का कारण बन सकता है । लेकिन Earthing करके इस खतरे से बचा जा सकता है जो faulty current को सीधे अर्थ में भेज देता है जिससे झटका लगने का खतरा कम हो जाता है । तो आज के इस पोस्ट में हम अर्थिंग के बारे में जानेंगे कि Earthing क्या होता है ? Earthing क्यों जरूरी है ? Earthing कितने प्रकार से किया जाता है और साथ में जानेंगे कि एक इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स स्टूडेंट को अर्थिंग की जानकारी रखना कितना महत्वपूर्ण है ?
Earthing के बारे में जानने से पहले एक कहानी के बारे में जान लेते हैं। इस कहानी की मदद से Earthing ( भू- संपर्कन ) का कांसेप्ट बहुत आसानी से समझ में आ जाएगा ।
मान लीजिए कि आपके घर में कई सारे विद्युत उपकरण जैसे ( इलेक्ट्रिक iron ,रेफ्रिजरेटर , वाशिंग मशीन , माइक्रोवेव आदि ) रखे हुए हैं जिनका भू संपर्कन नहीं किया गया है । एक दिन काम करते करते वाशिंग में कुछ समस्या आ जाती है और मशीन के अंदर किसी कारण वश (खराब वायरिंग, नमी और पानी, ओवरहीटिंग, शॉर्ट सर्किट आदि ) विद्युत लीक होने लगता है और यह विद्युत मशीन के विद्युत चालन वाले भाग ( मेटैलिक body ) पर फैल जाता है और जब कोई भी व्यक्ति उसे छूता है तो उसे जोर से झटका लगता है । अधिक वोल्टेज से ऑपरेट होने वाली मशीनों जैसे 3 - Phase Induction motor , Transformer, Generator , single phase motor आदि की अवस्था में लीकेज विद्युत धारा की मात्रा इतनी अधिक होती है जिससे की किसी व्यक्ति की जान भी जा सकती है लेकिन Earthing करके इस खतरे से बचा जा सकता है । किसी भी उपकरण का अर्थिंग करने के लिए उस उपकरण के मेटैलिक बॉडी को एक कम प्रतिरोध वाले तार को भू सम्पर्कित कर दिया जाता है । जैसा का हमे पता है कि करेंट हमेशा कम प्रतिरोध वाले रास्ते से होकर गुजरती है और हम यह भी जानते हैं कि पृथ्वी का प्रतिरोध बहुत कम होता है । इस लिए जब भी उपकरण में किसी प्रकार से current लीक होता है तो वह लीक करेंट low resistance पाथ फॉलो करते हुए earth में चला जाता है और इस प्रकार अर्थिंग होने पर हमें विद्युत झटका नहीं लगता है ।
अर्थिंग क्या है और यह विद्युत प्रणाली में क्यों आवश्यक है?
अर्थिंग की आवश्यकता:
- सुरक्षा: यह इलेक्ट्रिक शॉक के जोखिम को कम करता है और मनुष्यों की जान बचाता है।
- उपकरण सुरक्षा: अर्थिंग विद्युत उपकरणों को फॉल्ट करंट और ओवर वोल्टेज से बचाती है। जिससे उपकरण जलने और फूंकने से बच जाते हैं।
- सिस्टम सुरक्षा: किसी भी गड़बड़ी के दौरान अर्थिंग करंट को सुरक्षित रूप से पृथ्वी में प्रवाहित करती है जिससे होने वाले खतरे टल जाते हैं।
अर्थिंग कैसे काम करती है?
अर्थिंग के प्रकार
- प्लेट अर्थिंग: इसमें एक धातु की प्लेट को जमीन में गाड़ा जाता है और उपकरण से एक तार के माध्यम से जोड़ा जाता है।
- पाइप अर्थिंग: इसमें एक धातु का पाइप जमीन में गाड़ा जाता है और उपकरण से जोड़ा जाता है।
- रोड अर्थिंग: इसमें एक धातु की छड़ को जमीन में गाड़ा जाता है और उपकरण से जोड़ा जाता है।
अर्थिंग के फायदे (Advantages of Earthing)
अर्थिंग एक महत्वपूर्ण विद्युत सुरक्षा तकनीक है जो कई लाभ प्रदान करती है।
विद्युत झटके से सुरक्षा:
- यदि किसी विद्युत उपकरण में शॉर्ट सर्किट होता है, तो अतिरिक्त विद्युत धारा जमीन में प्रवाहित हो जाती है, जिससे बिजली का झटका लगने का खतरा कम हो जाता है।
उपकरणों की सुरक्षा:
- अर्थिंग उपकरणों को वोल्टेज स्पाइक्स (अचानक वोल्टेज बढ़ना) और अचानक बिजली के उतार-चढ़ाव से बचाती है, जिससे उनकी उम्र बढ़ जाती है और उपकरणों का जीवनकाल बढ़ जाता है।
विद्युत शोर कम करना:
- अर्थिंग विद्युत शोर को कम करने में मदद करती है, जो संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए महत्वपूर्ण है। विद्युत शोर से उपकरणों के खराब होने और डेटा हानि का खतरा कम हो जाता है।
आग लगने का जोखिम कम करना:
- अर्थिंग शॉर्ट सर्किट के कारण होने वाली आग के जोखिम को कम करती है। जब अतिरिक्त धारा जमीन में प्रवाहित होती है, तो उपकरण में अत्यधिक गर्मी पैदा होने और आग लगने की संभावना कम हो जाती है।
सिस्टम स्थिरता:
- अर्थिंग विद्युत प्रणाली की स्थिरता में सुधार करती है। यह अचानक वोल्टेज परिवर्तनों को कम करके उपकरणों के प्रदर्शन को बेहतर बनाती है।
संवेदनशील उपकरणों की सुरक्षा:
- संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जैसे कंप्यूटर, मेडिकल उपकरण, और औद्योगिक नियंत्रण सिस्टम, अर्थिंग से विशेष रूप से लाभान्वित होते हैं। अर्थिंग इन उपकरणों को विद्युत शोर और वोल्टेज स्पाइक्स से बचाकर उनकी कार्यक्षमता और आयु बढ़ाती है।